About Me


राजकुमार चन्दन 

लेखक/ कवि/ शायर/ स्क्रिप्ट राइटर/ चित्रकार/ मूर्तिकार
जन्म 5 अप्रैल 1955 
एल.आई.जी. 185 जवाहर नगर देवास (म.प्र.) मो. 9827328555
ई-मेल - rajkumarchandan@gmail.com


एक नज़र में...

राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त


• पाँच विश्व रिकॉर्डधारी


• विश्व की सबसे लम्बी ग़ज़ल के शायर


• आधुनिक जल रंगोली के नायक


• तत्काल विषय पर सबसे कम समय में पुस्तक लिखने का विश्व रिकार्ड


• सबसे बड़ी वाटर रंगोली का विश्व रिकार्ड


• अल्प समय में पानी पर 101 महापुरुषों के पोट्रेट बनाने का विश्व रिकार्ड


• अल्प समय में पानी पर सबसे बड़ी करपेड बनाने का विश्व रिकार्ड


चन्दन के बारे में....

श्री राजकुमार चन्दन बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। उत्कृष्ट चित्रकार, साहित्यकार तथा मूर्तिकार हैं। कला एवं साहित्य के क्षेत्र में लगभग 45 वर्षों से साधनारत हैं। गद्य एवं पद्य सहित साहित्य की सभी विधाओं में सृर्जनरत। इसी प्रकार कला में चित्र एवं मूर्ति सहित समस्त विधाओं के उत्कृष्ट हैं।
आपका सम्पूर्ण साहित्य कला-कर्म राष्ट्र एवं समाज की मानवीय सेवा को समर्पित रहा है। आपको 2005 में महामहिम डॉ.ए.पी.जे.अब्दुल कलाम द्वारा राष्ट्रपति पुरस्कार प्रदान किया गया। कला एवं साहित्य के क्षेत्र में आपने पाँच विश्वरिकार्ड के कीर्तिमान अर्जित किये हैं। देश में वाटर रंगोली कला के अनूठे विशिष्ठ कलाकार हैं।

साहित्य के क्षेत्र में…

उत्कृष्ट कोटि के लेखक, कवि, शायर एवं गीतकार हैं। गद्य एवं पद्य सहित आपने साहित्य की समस्त विधाओं में सृजन कर विशिष्ठ उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। आपका बुनियादी लेखन दर्शन, विज्ञान, एवं यथार्थ का मिश्रीत रूप है, जो वर्तमान जीवन के लिए सर्वाधिक उपयोगी है।
गद्य एवं पद्य दोनों ही विधाओं में विश्व रिकार्ड के कीर्तिमान अर्जित किये हैं। पद्य विधा में दस हजार अशआर ( शेर ) की विश्व की सबसे लंबी ग़ज़ल लिखकर शायरी में एक नया इतिहास रचा है। गद्य में सबसे कम समय में त्वरित विषय पर तत्काल पुस्तक लिखकर प्रकाशित करने का कीर्तिमान अर्जित किया है।
अनेक पत्र, पत्रिकाओं एवं पुस्तकों का सम्पादन भी किया । आपके द्वारा लिखी गयी 25 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकीं हैं। आप राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय विषय पर बुनियादी लेखन करते हैं। पाठ्य पुस्तकों में लेखन, टेलीफिल्म, टीवी सीरियल तथा फिल्मों की स्क्रिप्ट राइटिंग का कार्य भी आप करते रहे हैं। आपका सम्पूर्ण लेखन मानवतावादी एवं विश्व शांति को समर्पित रहा है। देश के विशिष्ट पत्र, पत्रिकाओं में सतत् प्रकाशन। वर्ष 1986 के स्वतंत्रता दिवस अंक में देशभर के 185 पत्र पत्रिकाओं में एक साथ प्रकाशित होने की आपने उपलब्धि भी अर्जित की है। राष्ट्रीय स्तर के मंचों पर काव्यपाठ, साहित्य संस्थाओं के रूप में साहित्य सेवा का अनेक वर्षों तक कार्य किया है। राष्ट्रभाषा के राष्ट्रीय सम्मेलन एवं विश्व हिन्दी सम्मेलननों में भागीदारी सम्मिलित है। 
वसुधैव कुटुम्बकम एवं विश्व शान्ति हेतु सतत साहित्य सृजन किया। अपने लेखन में भारतीय संस्कृति की शान्त प्रिय, संतुलित जीवन शैली को सतत विश्व पटल पर रखने का प्रयास किया है। राष्ट्रीय भावना को बढ़ाने, अन्धविश्वास को दूर करने, सामाजिक चेतना का विकास करने तथा नव पीढ़ी का सृजनात्मक मार्ग प्रशस्त करने में कला एवं सहित्य का विशेष योगदान। मानव उत्थान हेतु आपने सतत साहित्य सृजन किया । विश्व शान्ति के लिए आपकी महत्वपूर्ण पुस्तक -"मैं समय हूँ" एवं स्वर्ग की खोज है, वर्तमान परिपेक्ष्य में सर्वाधिक महत्व रखती हैं। साथ ही "विश्व की सबसे लम्बी ग़ज़ल" एवं "लाडो! बहक न जाना" "वन्दे मातरम", "सीप के मोती"आदि आपकी महत्वपूर्ण पुस्तके हैं।

कला के क्षेत्र में

कला के क्षेत्र में आप कलागुरु के नाम से पहचाने जाते हैं। चित्रकला एवं मूर्तिकला में में सिद्धहस्थ कलाकार हैं। मूर्त एवं अमूर्त दोनों विधाओं में समान रूप से अधिकार। आपने अनेक पोर्ट्रेट एवं मूर्तियों का निर्माण किया है। शिल्पकला में भी आप सिद्धहस्त हैं। कागज की मूर्तियों की प्रतिकृति एवं काष्ठकला में अनूठी कृतियों का निर्माण करते हैं। पुरातन भारतीय लोककला जलरंगोली को पुनर्जीवित करना कलाजगत में आपकी महत्वपूर्ण उपलब्धि है। कई प्रदर्शनियाँ एवं पुरस्कार आप अर्जित कर चुके हैं। कला के क्षेत्र में भी आपके तीन विश्व रिकार्ड हैं कई विशिष्ट शहरों में आपकी कला का प्रदर्शन हो चुका है। कला समीक्षक, कला विशेषज्ञ के रूप में आपका विशिष्ट स्थान है । कला की दो पुस्तकों का प्रकाशन तथा निःशुल्क कला शिक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जीवन में आपने जितने भी चित्र बनाये वे सब वे सब स्कूली विद्यर्थियों की चैरिटी को समर्पित रहे हैं। आपके चित्रों द्वारा चैरिटी आर्ट गैलरी के माध्यम से हजारों विद्यार्थियों की फीस भरी गयी है।

जल रंगोली के विशिष्ट कलाकार

वाटर रंगोली कला के देश में आप अनूठे कलाकार हैं। महाभारतकालीन जलरंगोली कला, जो लगभग विलुप्त हो चुकी थी। उसे पुनर्जीवित करने का आपने संकल्प लिया। अनेक वर्षों के अथक प्रयास, प्रयोग एवं शोध से वृहद जलरंगोली की नवीन तकनीक विकसित की। साथ ही जलरंगोली को देश भर में विस्तारित भी किया। 
जल रंगोली के सैकड़ों कलाकार बनाना, पूरे देश में उसका विस्तार करना, इसके साथ ही प्रदर्शन / प्रशिक्षण सहित वाटर रंगोली में तीन विश्व रिकार्ड भी अर्जित किये हैं। आधुनिक वाटर रंगोली को पुनर्जीवित करने का श्रेय आपको जाता है।

मेघावी, अशक्त एवं निर्धन विज्ञार्थियों को समर्पित कला

आपने अपने चित्रों को मेघावी, अशक्त एवं निर्धन विद्यार्थियों के लिए समर्पित किया है। आप पात्र विद्यार्थियों की फीस अपने चित्रों को बैंचकर क्रयदाता से राशि सीधे विद्यार्थी की संस्था में जमा कराते हैं। विगत 15 वर्षों में आप लगभग डेढ़ हजार विद्यार्थियों की फीस जमा कर चुके हैं। इसमें हाई स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा के विद्यार्थी भी सम्मिलित हैं।

                                                                                                                • ओमप्रकाश नवगोत्री