I'm The Time / मैं समय हूं
महत्वपूर्ण उपन्यास
मैं समय हूँ...
मैं समय हूँ... उपन्यास का संक्षिप्त कथानक
यूक्रेन में कई देशों के विद्यार्थी पढ़ते हैं, उनमें भारतीय विद्यार्थी भी हैं। हिमानी नाम की एक भारतीय छात्रा है,जो इस उपन्यास की नायिका है।
यूक्रेन रूस के बीच युद्ध प्रारम्भ हो जाता है। सभी स्टूडेंट्स यूक्रेन छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं,लेकिन स्टूडेंट्स की परेशानी देखकर हिमानी वहाँ से नहीं जाती है। खूब सोच विचार के बाद यह संकल्प लेती है,कि यूक्रेन में रहकर ही वह पीड़ितों का ईलाज करेगी। चाहे पीड़ित रशिया का हो या यूक्रेन का।साथ ही वह विश्व शान्ति का अभियान चलाएगी।
हिमानी का यह संकल्प अन्य स्टूडेंट्स को प्रेरित करता है,अतः कई और देशों के स्टूडेंट्स भी वहीं रुककर उसके अभियान की में मदद करते हैं। सभी स्टूडेट्स हिमानी के नेतृत्व में "वर्ल्ड पीस फोरम" का गठन कर "नो वार" का अभियान चलाते हैं। स्टूडेंट्स खतरों के बीच रहकर घायलों का ईलाज करते हैं। वैश्विक सद्भावना एवं मानवता के लिए काम करते हैं। स्टूडेंट्स युद्ध,अशान्ति और उन्माद के कारणों को ढूँढकर उनके समाधान की खोजकर उन्हें प्रचारित करते हैं। उनका अभियान बहुत तेजी से आगे बढ़कर विस्तार लेता है।
जंग में युद्ध पीड़ितों की मदद के बीच ,अंत में हिमानी.. एक यूक्रेनियन बच्चा और रशियन महिला को बचाने में गोलियों का शिकार होकर घायल हो जाती है। ऐसी स्थिति में दोनों देशों के छुपे हुए सैनिक उसके पास आ जाते हैं, वह उन सैनिकों को नो वार का सन्देश देते हुए अपने प्राण त्याग देती है। भावुक होकर दोनों के सैनिक अपने हथियार डाल देते हैं। यथार्थ और कल्पना मिश्रित यह उपन्यास के माध्यम से वर्तमान वैश्विक ढाँचे में सुधार के विकल्प और विश्व शान्ति के उपायों को वैश्विक पटल पर रखने का प्रयास किया गया है।
मैं समय हूँ उपन्यास की विशेषताएँ...
1- इस उपन्यास माध्यम वैश्विक प्रेम शान्ति,और सद्भावना के गौरवमयी आदर्श को विश्व पटल पर रखा गया है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बहाने मानवता की रक्षा के लिए वैश्विक संतुलन बनाने प्रयास किया गया है।
2- "मैं समय हूँ", ईगो की अन्धी दौड़ के प्रति मनुष्य का विवेक जगाने का कार्य करता है।
3- समय को माध्यम बनाकर विश्व को अतीत से सीख, वर्तमान में सुधार और भविष्य के खतरों के प्रति यह उपन्यास आगाह करता है।
4-"मैं समय हूँ" युद्ध होने के बुनियादी कारण एवं उन्हें रोकने के वैकल्पिक समाधान प्रस्तुत करता है।
5- यह उपन्यास वैश्विक खतरे, उसकी कमियाँ और व्यवस्था में सुधार के विकल्प प्रस्तुत करता है।
6- इस उपन्यास में अतर्राष्ट्रीय सीमा समस्याओं के वैकल्पिक समाधान भी प्रस्तुत किये गए हैं।
7-यह उपन्यास जीवनदर्शन एवं मानवीय मूल्यों की सुरक्षा के आधार पर वसुधैव कुटुंबकम् का मार्ग प्रशस्त करता है।
8- विभिन्न देशों के स्टूडेट्स में निश्छल प्रेम एवं मित्रता की मर्म स्पर्श कहानी है,जो वसुधैव कुटुम्बकम का सन्देश देती है।
9-इस उपन्यास में कई घटनाएँ अत्यंत मार्मिक हैं,जो हृदय को वैश्विक शान्ति के लिए झकझोरती हैं।
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मैं समय हूॅं का अंग्रेजी संस्करण 'I'm The Time' यहां पढ़ें
मैं समय हूॅं का मराठी संस्करण 'मी वेळ आहे' यहां पढ़ें